"भगवान श्री हरि विष्णु का पावन धाम"

बद्रीनाथ धाम, भगवान विष्णु को समर्पित है और यह चारधाम यात्रा का प्रमुख स्थल है। अलकनंदा नदी के तट पर स्थित यह मंदिर आपकी आत्मा को शुद्ध और मन को शांत करता है।

श्री बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है, जो भगवान विष्णु के एक रूप बद्रीनाथ को समर्पित है। यह मंदिर चार धाम यात्रा का एक अभिन्न हिस्सा है और हिन्दू धर्म के 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है। बद्रीनाथ धाम समुद्र तल से 3,133 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यह पवित्र नदी अलकनंदा के किनारे स्थित है। यह स्थान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण भी प्रसिद्ध है।

एतिहासिक और धार्मिक पृष्ठभूमि:

  1. यमुनाजी का महत्व: हिन्दू धर्म में यमुनाजी को बहुत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यमुनाजी को भगवान सूर्य की बेटी और यमराज की बहन माना जाता है। माना जाता है कि यमुनाजी के दर्शन और पूजा से व्यक्ति को यमराज से मुक्ति मिलती है। यमनोत्री में यमुनाजी के दर्शन करना और यहाँ स्नान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
  2. यमुनोत्री का अवतरण: यमुनोत्री का नाम यमुनाजी के आधार पर पड़ा है। यमुनाजी के बारे में मान्यता है कि यह भगवान सूर्य और सावित्री के पुत्री हैं। यमुनोत्री मंदिर के पास एक विशेष गर्म जल स्रोत है, जिसमें श्रद्धालु स्नान करते हैं। इस स्थान को पवित्र माना जाता है, क्योंकि यह यमुनाजी के अवतरण का स्थल है।
  3. यमनोत्री मंदिर का इतिहास: यमनोत्री मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में हुवा था यह मंदिर उच्च हिमालय पर्वत के तल में स्थित है और बहुत ही सुंदर वास्तुकला से बना हुआ है। मंदिर में यमुनाजी की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित है, जिसे श्रद्धालु पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर के पास एक गर्म पानी का स्रोत है, जो श्रद्धालुओं के लिए स्नान करने के लिए विशेष महत्व रखता है।
  4. यमुनोत्री का धार्मिक महत्व: यमनोत्री धाम को चार धाम यात्रा का पहला चरण माना जाता है, और यहाँ के दर्शन से भक्तगण अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करने की आकांक्षा रखते हैं। यमुनाजी का गंगाजी के साथ अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध है, और इसे भी पापों से मुक्ति” का स्थान माना जाता है।

 

यात्रा मार्ग और मार्गदर्शन:

  1. दिल्ली से यमनोत्री: दिल्ली से यमनोत्री के लिए यात्रा की शुरुआत हरिद्वार और ऋषिकेश से होती है। दिल्ली से हरिद्वार की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है और हरिद्वार से यमनोत्री तक की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है, जो लगभग 7-8 घंटे की यात्रा होती है। और आप टेक्सी, बस या निजी वाहन से यहाँ पहुँच सकते हैं।
  2. यमनोत्री से मंदिर तक पहुँचने का रास्ता: यमनोत्री मंदिर तक पहुँचने के लिए मुख्य मार्ग हनुमान चट्टी  होते हुए जाता है। यमनोत्री तक पहुँचने के लिए लगभग 6 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। यह यात्रा पैदल या घोड़े पर भी की जा सकती है। यात्रा थोड़ी कठिन हो सकती है, लेकिन रास्ते की प्राकृतिक सुंदरता इस यात्रा को अविस्मरणीय बना देती है।
  3. मौसम और समय: यमनोत्री धाम की यात्रा का सबसे अच्छा समय अप्रैल से अक्टूबर तक होता है, क्योंकि इस दौरान मौसम बहुत ठंडा नहीं होता और यात्रा करना आसान रहता है। सर्दियों में यहाँ भारी बर्फबारी हो सकती है, जिससे रास्ते बंद होने की संभावना रहती हैं।