"माँ यमुना का दिव्य तीर्थस्थल"

हिमालय की सुरम्य वादियों में बसा यमुनोत्री धाम माँ यमुना का उद्गम स्थल है। यहाँ के गरम कुंड और आध्यात्मिक वातावरण भक्तों को अनोखा अनुभव प्रदान करते हैं। यह भी उत्तरकाशी जिले में अवस्थित है.

श्री यमनोत्री धाम हिंदू धर्म के चार प्रमुख धामों में से एक है और उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यह स्थान यमुनाजी की पूजा के लिए समर्पित है और यमुनोत्री गंगा नदी की बहन नदी यमुनाजी के पवित्र स्रोत के रूप में प्रसिद्ध है। यमनोत्री धाम की यात्रा विशेष रूप से तीर्थयात्रियों और भक्तों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। यमनोत्री को चार धाम यात्रा का पहला चरण माना जाता है।

एतिहासिक और धार्मिक पृष्ठभूमि:

  1. यमुनाजी का महत्व: हिन्दू धर्म में यमुनाजी को बहुत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यमुनाजी को भगवान सूर्य की बेटी और यमराज की बहन माना जाता है। माना जाता है कि यमुनाजी के दर्शन और पूजा से व्यक्ति को यमराज से मुक्ति मिलती है। यमनोत्री में यमुनाजी के दर्शन करना और यहाँ स्नान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
  2. यमुनोत्री का अवतरण: यमुनोत्री का नाम यमुनाजी के आधार पर पड़ा है। यमुनाजी के बारे में मान्यता है कि यह भगवान सूर्य और सावित्री के पुत्री हैं। यमुनोत्री मंदिर के पास एक विशेष गर्म जल स्रोत है, जिसमें श्रद्धालु स्नान करते हैं। इस स्थान को पवित्र माना जाता है, क्योंकि यह यमुनाजी के अवतरण का स्थल है।
  3. यमनोत्री मंदिर का इतिहास: यमनोत्री मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी में हुवा था यह मंदिर उच्च हिमालय पर्वत के तल में स्थित है और बहुत ही सुंदर वास्तुकला से बना हुआ है। मंदिर में यमुनाजी की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित है, जिसे श्रद्धालु पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर के पास एक गर्म पानी का स्रोत है, जो श्रद्धालुओं के लिए स्नान करने के लिए विशेष महत्व रखता है।
  4. यमुनोत्री का धार्मिक महत्व: यमनोत्री धाम को चार धाम यात्रा का पहला चरण माना जाता है, और यहाँ के दर्शन से भक्तगण अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करने की आकांक्षा रखते हैं। यमुनाजी का गंगाजी के साथ अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध है, और इसे भी पापों से मुक्ति” का स्थान माना जाता है।

यात्रा मार्ग और मार्गदर्शन:

  1. दिल्ली से यमनोत्री: दिल्ली से यमनोत्री के लिए यात्रा की शुरुआत हरिद्वार और ऋषिकेश से होती है। दिल्ली से हरिद्वार की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है और हरिद्वार से यमनोत्री तक की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है, जो लगभग 7-8 घंटे की यात्रा होती है। और आप टेक्सी, बस या निजी वाहन से यहाँ पहुँच सकते हैं।
  2. यमनोत्री से मंदिर तक पहुँचने का रास्ता: यमनोत्री मंदिर तक पहुँचने के लिए मुख्य मार्ग हनुमान चट्टी  होते हुए जाता है। यमनोत्री तक पहुँचने के लिए लगभग 6 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। यह यात्रा पैदल या घोड़े पर भी की जा सकती है। यात्रा थोड़ी कठिन हो सकती है, लेकिन रास्ते की प्राकृतिक सुंदरता इस यात्रा को अविस्मरणीय बना देती है।
  3. मौसम और समय: यमनोत्री धाम की यात्रा का सबसे अच्छा समय अप्रैल से अक्टूबर तक होता है, क्योंकि इस दौरान मौसम बहुत ठंडा नहीं होता और यात्रा करना आसान रहता है। सर्दियों में यहाँ भारी बर्फबारी हो सकती है, जिससे रास्ते बंद होने की संभावना रहती हैं।