"माँ गंगा के उद्गम का पवित्र स्थल"

गंगोत्री धाम, जहाँ भागीरथी के तप से माँ गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं। यह पवित्र धाम हिमालय की गोद उत्तरकाशी जिले में स्थित है और श्रद्धालुओं को शांति, भक्ति और अध्यात्म का अनुभव कराता है।

श्री गंगोत्री धाम हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, जो उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। श्री गंगा जी को यहाँ  भागीरथी भी कहा जाता है। गंगोत्री धाम, गंगा के अवतरण का पवित्र स्थल माना जाता है, और इसे भगवान शिव के जटाओं से बहने वाली माँ गंगा का उगम स्थल माना जाता है। यह स्थल विशेष रूप से तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए बहुत महत्व रखता है।

एतिहासिक पृष्ठभूमि

गंगोत्तरी धाम की ऐतिहासिक और धार्मिक पृष्ठभूमि बहुत ही दिलचस्प और महत्वपूर्ण है।

  1. गंगा का अवतरण: हिन्दू धर्म के अनुसार, गंगा नदी का अवतरण स्वर्ग से पृथ्वी पर हुआ था। राजा भागीरथ ने गंगा माता को धरती पर लाने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की। भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया ताकि गंगा के अवतरण से पृथ्वी पर विनाश न हो। बाद में, गंगा ने अपनी जटाओं से निकलकर भागीरथी के मार्ग से धरती पर प्रवेश किया। इस घटना के बाद से गंगोत्तरी को गंगा के अवतरण का पवित्र स्थल माना जाता है।
  2. गंगोत्तरी मंदिर का इतिहास: गंगोत्री मंदिर का पुनर्निर्माण  18वीं शताब्दी की शुरुआत में गोरखा जनरल अमर सिंह थापा ने करवाया था. यह मंदिर भागीरथी नदी के बाएं किनारे पर बना है. इस मंदिर के आस-पास के परिसर में चार और मंदिर हैं, जो भगवान शिव, गणेश, हनुमान और भगीरथ को समर्पित हैं पूरा  मंदिर सफ़ेद ग्रेनाइट से उत्तर भारतीय नागर शैली में बना है . यहाँ पर गंगा माता की प्रतिमा स्थापित है, और प्रतिदिन यहाँ भक्तगण गंगा पूजा और आरती करते हैं।

 

गंगोत्तरी धाम यात्रा का महत्व

गंगोत्तरी धाम का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु यात्रा के लिए आते हैं।

  1. तीर्थ यात्रा का हिस्सा: गंगोत्तरी, यमुनोत्तरी, केदारनाथ, और बद्रीनाथ के साथ चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चार धाम यात्रा हिन्दू धर्म के सर्वोत्तम तीर्थ यात्रा मानी जाती है, और इस यात्रा में गंगोत्तरी धाम की यात्रा का विशेष महत्व है।
  2. पवित्र स्नान: गंगोत्तरी में स्थित गंगा के स्रोत के पास स्थित जलधारा में पवित्र स्नान करना बहुत लाभकारी माना जाता है। श्रद्धालु यहाँ गंगा में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं।
  3. नदी के उगम स्थल का दर्शन: गंगोत्तरी धाम के पास गंगा का स्रोत स्थित है, जिसे गौमुख ग्लेशियर कहा जाता है। यह ग्लेशियर गंगोत्तरी धाम से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह गंगा के जल का स्रोत है। यहाँ जाने के लिए ट्रैकिंग करनी पड़ती है, और यह यात्रा साहसिक प्रेमियों के लिए एक अद्भुत अनुभव होती है।

 

यात्रा मार्ग

  1. दिल्ली से गंगोत्तरी: दिल्ली से गंगोत्तरी जाने के लिए सबसे पहले आपको देहरादून, हरिद्वार या ऋषिकेश पहुँचना होगा। यहाँ से आपको उत्तरकाशी  होते हुए गंगोत्तरी जाना पड़ता है। दिल्ली से हरिद्वार की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है और हरिद्वार से गंगोत्तरी तक की यात्रा लगभग 8-9  घंटे की होती है। आप बस, टैक्सी या निजी वाहन से गंगोत्तरी पहुँच सकते हैं।
  2. यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ से जोड़ने वाला मार्ग: गंगोत्तरी धाम, चार धाम यात्रा का प्रमुख हिस्सा है, और आप मुख्य पड़ाव उत्तरकाशी से अन्य तीनो  धाम— यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ— की यात्रा करके उनका भी  दर्शन कर सकते हैं।